9:34 pm

kavyanjali

अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद जयंती पर विशेष रचना

आचार्य संजीव 'सलिल'

तुम
गुलाम देश में
आजाद हो जिए
और हम
आजाद देश में
गुलाम हैं....

तुम निडर थे
हम डरे हैं,
अपने भाई से.
समर्पित तुम,
दूर हैं हम
अपनी माई से.
साल भर
भूले तुम्हें पर
एक दिन 'सलिल'
सर झुकाए बन गए
विनत सलाम हैं...

तुम वचन औ'
कर्म को कर
एक थे जिए.
हमने घूँट
जन्म से ही
भेद के पिए.
बात या
बेबात भी
आपस में
नित लड़े.
एकता?
माँ की कसम
हमको हराम है...

तुम
गुलाम देश में
आजाद हो जिए
और हम
आजाद देश में
गुलाम हैं....

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1 टिप्पणियाँ:

Unknown ने कहा…

gulaam desh me aazad aur aazad desh me gulaam........
waah kya baat hai.................

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